दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँ – अकबर इलाहाबादी
दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँ. अकबर इलाहाबादी की इस शायरी में वह अपनी आत्म-चेतना, जीवन के दृष्टिकोण […]
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अकबर इलाहाबादी की 5 शायरि. अकबर इलाहाबादी का शायरी संसार इंसानी फितरत, सामाजिक विषमताओं, धार्मिक रूढ़ियों और जिंदगी की वास्तविकताओं
हंगामा है क्यूँ बरपा – अकबर इलाहाबादी. इस शायरी में अकबर इलाहाबादी ने मानव स्वभाव, समाज की धारणाओं और ईश्वर
अकबर इलाहाबादी (1846-1921) उर्दू साहित्य के एक प्रमुख और लोकप्रिय शायर थे। उनका असली नाम सैयद अकबर हुसैन था और