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अंजना बख्शी का परिचय एवं कवितायेँ
अंजना बख्शी का जन्म 05 जुलाई 1974 को मध्य प्रदेश के दमोह शहर में हुआ था।
अपनी उच्च शिक्षा के प्रति संकल्पित अंजना ने हिन्दी अनुवाद विषय में एम०फ़िल० की डिग्री प्राप्त की। इसके उपरांत, जनसंचार एवं पत्रकारिता (एम० सी०जे०) में मास्टर्स (एम० ए०) की पढ़ाई पूरी की। इस शिक्षा ने उन्हें पत्रकारिता और अनुवाद के क्षेत्र में गहन समझ और गहरी विशेषज्ञता प्रदान की। उनका विवेकपूर्ण दृष्टिकोन और शैक्षणिक योग्यता ने उन्हें साहित्यिक जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई।
सर्वप्रथम, अंजना बख्शी को 2006 में ‘कादम्बिनी युवा कविता’ पुरस्कार से नवाजा गया, जो उनके युवा कवि के रूप में साहित्यिक प्रतिभा को सर्वोच्च मान्यता देता है। यह पुरस्कार उनकी साहित्यिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन गया, जिसने उन्हें आने वाले वर्षों में और भी प्रेरणादायक कृतियों को सामने लाने का अवसर प्रदान किया।
इसके अतिरिक्त, 2004 में उन्हें युवा प्रतिभा सम्मान भी प्राप्त हुआ। यह सम्मान युवा साहित्यकारों को प्रोत्साहित करने और उनकी अप्रतिम रचनात्मकता को स्वर देने के लिए प्रदान किया जाता है। अंजना बख्शी ने इस मौके को अपनी रचनाओं में भाषा और भाव की गहराइयों को उकेरने में बखूबी निभाया।
एक और महत्वपूर्ण सम्मान जो उन्हें प्राप्त हुआ वह है डॉ. अम्बेडकर फैलोशिप सम्मान। यह सम्मान दलित साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है, और अंजना बख्शी ने इसे पा कर अपने समाज और वर्ग के संघर्षों और अनुभवों को साहित्यिक अभिव्यक्ति दी है।
कविता संग्रह – अंजना बख्शी
गुलाबी रंगों वाली वो देह – अंजना बख्शी
अंजना बख्शी की प्रतिनिधि रचनाएँ
- “कविता” – अंजना बख्शी की कविता
- “यादें” – अंजना बख्शी की कविता
- क्रॉस – अंजना बख्शी की कविता
- तस्लीमा के नाम एक कविता – अंजना बख्शी की कविता
- बेटियाँ – अंजना बख्शी की कविता
- अम्मा का सूप – अंजना बख्शी की कविता
- औरतें – अंजना बख्शी की कविता
- मैं – अंजना बख्शी की कविता
- इन्तज़ार – अंजना बख्शी की कविता
- मुनिया – अंजना बख्शी की कविता की कविता
- गुलाबी रंगों वाली वो देह – अंजना बख्शी की कविता
- यासमीन – अंजना बख्शी की कविता
- बल्ली बाई – अंजना बख्शी की कविता
- कराची से आती सदाएँ – अंजना बख्शी की कविता
- बिटिया बड़ी हो गई – अंजना बख्शी की कविता
- भेलू की स्त्री – अंजना बख्शी की कविता
- कौन हो तुम – अंजना बख्शी की कविता
- क्यों ? – अंजना बख्शी की कविता