कोशिश करने वालों की हार नहीं होती | सोहनलाल द्विवेदी

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है
जा जाकर खाली हाथ लौटकर आता है
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय जयकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

~ सोहनलाल द्विवेदी

यह कविता प्रसिद्ध भारतीय कवि सोहनलाल द्विवेदी द्वारा लिखी गई है।
आमतौर पर यह माना जाता है कि इसे हरिवंशराय बच्चन ने लिखा था, यह सच नहीं है।

प्रेरक कविताएँ

Read more in English

Read More




Categories: ,
ABCDE
FGHIJ
 KLMNO
PQRST
UVWXY
Z
श्र
कवियों की सूची | हिंदी वर्णमाला में कवियों के नाम

error:
Scroll to Top